भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर अपने डेटा को ऑनबोर्ड करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) लंबित मामलों की पहचान, प्रबंधन और कम करने के लिए एक निगरानी उपकरण के रूप में काम करता है। लाइफ सेविंग ऑर्गनाइजेशन पूरे भारत में कानूनी सेवाओं के क्षेत्र में काम कर रही है, और वैश्विक स्तर पर कार्यान्वयन के लिए प्रयास कर रही है। ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की वैचारिक अवधारणा की उत्पत्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) की अहम् भूमिका रही है।आप भली भांति जानते होंगे कि नेशनल ज्यूडिशल डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) के मुताबिक देशभर की अदालत में पांच करोड़ से ज्यादा मामले लंबित है, जबकि भारत में पांच लाख पचास हजार से ज्यादा लोग जेलों में बंद हैं जिनमें से चार लाख सत्ताईस हजार तो सिर्फ कैदी हैं जिनका मुकदमा अभी भी चल रहा है और लाखों लोग जमानत पर हैं उपरोक्त भयावह स्थिति में कई निर्दोष लोग जेल की सलाखों के अंदर बंद है और हम नहीं जानते कि भविष्य में कितने लोग जेल जाएंगे ऐसे में जरूरत इस बात की है कि भारत में हर पीड़ित एवं आरोपी को वरिष्ठ अनुभवी अधिवक्ताओं से उचित मार्गदर्शन मिले ताकि वे अपने जीवन को कानूनी मामलों से मुक्त होकर अपने जीवन, बच्चों या परिवार के साथ स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सकें।
ऑर्गनाइजेशन की स्थापना का एक उद्देश्य यह भी है, कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 403116/- चार लाख तीन हजार एक सौ सोलह से अधिक हो रही सड़क व रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार जनसामान्य को अभियान चलाकर जागरूक करना, सड़क व रेल दुर्घटना में क्षतिग्रस्त लोगों को तथा दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के पीड़ित परिवारों को एंबुलेंस सहायता, आर्थिक सहायता और विधिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास करना।लाइफ सेविंग ऑर्गनाइजेशन ने सम्पूर्ण भारत के सभी राज्यों के प्रत्येक न्यायालय में अधिक से अधिक अभ्यास के विशिष्ट अनुभवी अधिवक्ताओ का पैनल बनाया है। जिनके द्वारा विविध प्रकार कि विधिक समस्यांओं एवं सड़क व रेल दुर्घटना में क्षतिग्रस्त व दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के पीड़ित परिवारों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
लाइफ सेविंग ऑर्गनाइजेशन समाज में जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त कानूनी सलाह प्रदान करने का माध्यम भी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। यानी लाइफ सेविंग ऑर्गनाइजेशन लोगों को हमारे कानूनी अधिकारों को जानने का अवसर देता है। समाज में बहुत से लोग अपने बुनियादी अधिकारों को नहीं जानते हैं। इसलिए लाइफ सेविंग ऑर्गनाइजेशन के पैनलबद्ध अधिवक्ताओं के द्वारा पूरे भारत में लोगों को मुफ्त कानूनी परामर्श देने की पहल भी की गई है।